आज इस ब्लॉग के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा जलेबी बनाने की विधि (Jalebi Banane Ki Vidhi), जलेबी एक ऐसा नाम है जो जितना देखने में अद्भुत हैं उतना ही खाने में स्वादिष्ट।
अगर सम्पूर्ण मिठाईयों की बात करें तो जलेबी बहुत उच्च स्थान रखती है।
यहाँ तक की जलेबी को भारत की राष्ट्रीय मिठाई भी कहा जाता है। जलेबी बनाने की विधि (Jalebi Banane Ki Vidhi), भले ही अलग हो जाये लेकिन खाने में इसका स्वाद जस का तस रहता है।
अर्थात अत्यधिक स्वादिष्ट लगती हैं या यूं कहे कि जलेबी का स्वाद सीधे आत्मा तक जाता है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
मन करता है कि बस खाते ही रहो।
जलेबी सम्पूर्ण भारत का एक लोकप्रिय व्यंजन है। जलेबी का आकार गोल-गोल छल्ले (Round) जैसा होता है जलेबी का स्वाद अत्यंत ही शानदार व रूप मनभावन होता है इसको खाते समय एक अलग ही प्रकार का कुरकुरा पन मिलता है।
इन सब कारणों से जलेबी बनाने की विधि विशेष हो जाती है
इस मीठे व्यंजन की धमक भारत से लेकर बहार के देशों में भी देखी जा सकती है क्योंकि जलेबी के शौक़ीन लगभग हर देश में मिलते हैं।
ज्यादातर तो जलेबी मैदा (refined floor) से ही बनाई व खायी जाती है,
लेकिन साथ ही साथ पनीर व खोया से बनी जलेबियों को भी लोग बहुत आनंद से खाते हैं।
बात करेंगे Jalebi Recipe के साथ इसके रूप की अर्थात दिखती कैसे है:
कुछ लोगों का तो ये भी मानना है कि जलेबी असल में अरबी शब्द है और इसका असल नाम जलाबिया है।
वैसे काफी लोगों का ये भी मानना है की जलेबी एक विशुद्ध भारतीय मिठाई हैं।
कुछ खाने के जानकार जलेबी का प्राचीन भारतीय नाम कुंडलिका बताते हुएं उन ग्रंथों का हवाला देते हुए ये बात कहते हैं जिन ग्रंथो में जलेबी के बनाने की विधि का उल्लेख है।

भारतीयता पर जोर देने वाले इसे ‘जल-वल्लिका’ भी कहते हैं।
मीठे चाशनी से भरी होने की वजह से इसे यह नाम मिला और फिर इसका नाम जलेबी हो गया।
पारसी और अरब में इसका रूप परिवर्तित होकर हो गया “जलाबिया”।
नार्थ वेस्ट इंडिया और पाकिस्तान में इसे जलेबी ही कहा जाता है।
मराठी में जिलबी भी कहा जाता है और बंगाल में इसका उच्चारण जिलपी करते हैं।
जाहिर है बांग्लादेश में भी यही नाम चलता होगा।
इसका स्वरूप अत्यंत निराला है और बनाने का तरीका उससे भी कही ज्यादा।
जब हम किसी हलवाई को जलेबी बनाते हुए देखते हैं, तो लगता है कोई चित्रकार अपने हाथों से कोई खूबसूरत सी चित्रकारी कर रहा हो।
जिस नजाकत से हाथ चलते दिखाई पड़ते हैं वाकई बहुत अच्छा नजारा होता है।
कुछ लोग जलेबी को खाए जाने वाले रंगों की मदद से अलग-अलग रंगों में भी बनाते हैं।
जिससे यह और भी ज्यादा लुभावनी लगती है।
एक ऐसी मिठाई है Jalebi Banane Ki Vidhi की जितनी बात करो कम है
जलेबी सम्पूर्ण भारत में बनाई एवं खाई जाने वाली मिठाई होने के साथ-साथ बारह महीने खाई जाने वाली मिठाई भी है।
इस जलेबी बनाने की विधि द्वारा बनाई गई जलेबी का आनंद पूरे साल (through of the year) लिया जाता हैं।
भारतवर्ष में कोई ऐसा बड़ा मेला नहीं जहां पर्यटक जलेबी का स्वाद ना लेते हों।
जलेबी हर मेले की रौनक है।। ऐसा कोई प्रदेश नहीं जहां जलेबी उपलब्ध न हो।
मुख्य रूप से जरूर हम कह सकते है कि जलेबी उत्तर भारत अर्थात दिल्ली एवं दिल्ली से लगे राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान एवं पंजाब इत्यादि में ज्यादा प्रचलित है।
जलेबी बनाने मे लगने वाली सामग्री:
- 150 ग्राम मैदा
- 100 ग्राम दही
- तलने के लिए घी या (रिफाइंड तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं)
- छेद हुआ कपड़ा या (किसी प्लास्टिक की थैली को उपयुक्त आकर में काटकर भी प्रयोग लिया जा सकता है)
- 250 ग्राम चीनी चाशनी बनाने के लिए
- 150 ग्राम पानी
- रंग देने के लिए 7-8 पंखुड़ी केसर।
जलेबी बनाने की विधि Step by step
पहले जलेबी बनाने की विधि (Jalebi banane ki vidhi) में प्रयोग करने के लिए मैदा का घोल तैयार करने की विधि
सही तरीके से जलेबियों का घोल बनाने के लिये मैदा को 5 से 6 घंटे पहले थोड़े पानी के साथ घोल तैयार करके छोड़ दें, ताकि उसमे अच्छे से खमीर (ferment) उठ जाये।
गर्मी के मौसम में खमीर थोडा जल्दी ही बन जाता है लेकिन ठण्डी के मौसम में इसमें समय लगता है।
इस प्रकार से आप प्राकृतिक रूप से खमीर उठाकर घोल बना सकते हैं, जो मैं आपको बता रहा हूँ।
ठीक से खमीर उठे हुए बेटर से बनी जलेबी (Jalebi banane ki vidhi) ज्यादा अच्छी बनती हैं व स्वास्थ्यवर्धक भी होती है।
घोल का गाढ़ापन समंझने के लिए आप इमेज देख सकते हैं।
यदि आप तुरंत बनाना चाहते हैं तो मैदा को दही, एक चुटकी खाने का सोडा, एक चुटकी बेकिंग पाउडर व एक चम्मच रिफाइंड आयल के साथ खूब फेटकर घोल बना ले।

जलेबी रेसिपी के लिए चाशनी तैयार करने की विधि
चीनी और पानी को मिलाकर आंच पर चाशनी चढ़ाए, रंग देने के लिए केसर को भी इसी में डाल दे।
फिर आंच को तेज कर दे और थोड़ी देर के लिए छोड़ दे।
थोड़ी-थोड़ी देर में किसी पलटे या चमचे की सहायता से चलाते रहें, ताकि किनारों से बर्तन ना जले और चाशनी के गाढ़े पन का भी पता चलता रहे।
जब चाशनी तार छोड़ने लगे और गाढ़ी होने लगे तो चाशनी आंच से उतार के थोड़ा ठंडा कर ले।

अब जलेबी बनाने के लिए एक भारी तले का पैन ले और उसमे घी गरम होने के लिए चढ़ा दे
छेद हुए कपड़े के अंदर बैटर को थोड़ा फेट कर भर ले।
अब गोल-गोल आकार या अपनी इच्छा अनुसार आकार की जलेबी तले।
अब एक चिमटे सहायता से जलेबियों को उलट पलट कर अच्छे से तल लें।
जब जलेबी हल्के गुलाबी रंग की दिखने लगे तो उसी चिमटे की मदद से घी से निकाल कर चाशनी के अंदर डुबो दे।
जलेबियों को चाशनी से निकाल कर गरमा गर्म सर्व करें। जलेबी शानदार व स्वादिष्ट बनी हैं।
वैसे जलेबियों का मजा गर्म-गर्म खाने में ही ज्यादा आता है और कुछ लोग तो जलेबी दूध के साथ खाना पसंद करते है।
लेकिन आप अपने स्वाद के हिसाब से गर्म या ठंडा जिस तरह से भी आपको अच्छी लगे, जलेबियों को खाकर तृप्ति की प्राप्ति करें।

उपयोगी सुझाव by foodiedil
- कपड़े का छेद जितना छोटा होगा जलेबी उतनी ही बारीक और क्रिस्पी बनेगी।
- ध्यान रहे आंच को मीडियम ही रखना है।
- ध्यान रहे चाशनी न ज्यादा गर्म हो न ज्यादा ठंडी।
- यदि आप चाहे तो आज कल बाजार में जलेबी बनाने के लिए बने बनाये पाइपिंग बैग्स बड़ी आसानी से मिल जाते है। तो आप उनका भी उपयोग कर सकते है
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